26/11 हमले के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए . - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 7 नवंबर 2010

26/11 हमले के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए .

अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि 26/11 के आतंकी हमले के दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ताज होटल में रुकने के फैसले का मकसद आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देना है। हमले की डरावनी तस्वीरों को भुलाया नहीं जा सकता। 

ओबामा ने भारत के अपने चार दिवसीय दौरे की शुरुआत शनिवार को यहां ताज होटल में 26/11 के हमले के मृतकों को श्रद्घांजलि अर्पित करके की। वे पत्नी मिशेल ओबामा के साथ ताज होटल में ‘ट्री ऑफ मैमोरियल’ गए। होटल के इस हिस्से को आतंकियों ने मुख्य रूप से निशाना बनाया था। ओमाबा ने स्मारक स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हमलावरों की साजिश भारत को धर्म के आधार पर बांटने की थी। उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए।

ओबामा ने हमले के पीड़ितों से भी मुलाकात की। होटल पहुंचने पर ताज ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने ओबामा का स्वागत किया। इससे पहले ओबामा और उनकी पत्नी का ‘एयरफोर्स वन’ विमान दोपहर बाद 12:50 बजे मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतारा। 

‘मिनिस्टर इन वेटिंग’ सलमान खुर्शीद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, भारत में अमेरिका के राजदूत टिमोथी रोमर और अमेरिका में भारत की राजदूत मीरा शंकर ने ओबामा दंपती की आगवनी की। एयरपोर्ट से ओबामा हेलिकॉप्टर से नौसेना के हेलिबेस ‘शिकरा’ गए। वहां से ओबामा का काफिला होटल ताज पहुंचा।


ओबामा ने भाषण का समापन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कथन का उल्लेख करके हुए किया। पंडित नेहरू ने महात्मा गांधी के निधन पर कहा था- ‘चाहें हवाएं तेज हों या तूफान प्रचंड हों, लेकिन हम स्वतंत्रता की मशाल बुझने नहीं देंगे।’ ओबामा ने कहा कि लोगों को आतंकवाद से मुक्त दुनिया में जीने का अधिकार है। लोगों की इस स्वतंत्रता की मशाल बुझने नहीं दी जाएगी।


ओबामा ने मुंबईकर के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा कि हमलावर इस शहर और देश का मनोबल तोड़ना चाहते थे, लेकिन वे कामयाब नहीं हुए क्योंकि हमले के अगले दिन ही लोग काम पर पहुंचे। करोबार भी यथावत चला। चंद हफ्तों बाद ताज होटल का स्टाफ अतिथियों का फिर स्वागत कर रहा था।


ओबामा ने कहा कि ‘विविधता में एकता’ भारत की सबसे बड़ी ताकत है। यही हमलावरों के निशाने पर थी। वे धार्मिक आधार पर लोगों को लड़वाना चाहते थे, लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं हुए। हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों और मुस्लिमों ने हमले के वक्त एक-दूसरे की रक्षा की। सभी धर्र्मो का सार है कि हम सब ईश्वर की संतान हैं। लोगों की भावनाओं से इस अवधारणा को फिर बल मिला। 



ओबामा ने ताज होटल की आगंतुक पुस्तिका में लिखा- ‘अमेरिका आतंकवाद का अभिशाप खत्म करने में सभी मुंबईवासियों और भारत के साथ है। हम भारत के साथ स्थायी दोस्ती की पेशकश करते हैं।’


अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के नायक हैं। ओमाबा राष्ट्रपिता के सम्मान में यहां मणि भवन स्थित गांधी संग्रहालय गए थे। उन्होंने आगंतुक पुस्तिका में लिखा- ‘मुझे गांधी की जिंदगी से जुड़ी इन चीजों को देखने का विशेष अवसर मिला है। इससे मैं उम्मीदों और प्रेरणा से भर गया हूं।’ उन्होंने कहा कि गांधी ने मार्टिन लूथर किंग सहित अमेरिकी और अफ्रीकी अमेरिकियों को प्रेरित किया है।

2 टिप्‍पणियां:

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने कहा…

काश यह जबानी लफ़्फ़ाजी अमेरिका की नीतियों में भी प्रकट होती।

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

सामयिक आलेख है तार्किक विवरण.
-विजय तिवारी ' किसलय "

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